शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

कुछ बिरले ही पैदा होते, जग में नाम कमाने को, बाकी सारे पैदा होते, केवल मरघट जाने को 


यूं तो इस धरती पर लाखों लोग जन्म लेते हैं और मर जाते हैं जिन्हें कुछ दिनों के बाद लोग अपनी यादो एवं स्मृति में पूरी तरह से भुला देते हैं उन्हें कोई याद नहीं रखता लेकिन कुछ बिरले ही व्यक्ति ऐसे भी इस धरती पर पैदा होते हैं जो मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में यादों के रूप में अपने जीवन में किये गए मानव हितार्थ पुनित सेवा कार्यो के कारण हमेशा जीवित रहते हैं अपने कार्यों के कारण सदैव लोगों के दिलों में हमेशा के लिए राज करते हैं । 
जीवन परिचय- ऐसी ही एक महान शख्सियत का नाम है रतनगढ़ मे जन्मे अखिल भारतीय मालवी भाषा के हास्य कवि श्री श्याम जी पाराशर 'कम्प्यूटर' यह नाम नीमच, मंदसौर जिले की एक ऐसी शख्सियत का नाम है जो किसी भी प्रकार के परिचय या पहचान की मोहताज नहीं है दिनांक 25 जनवरी 1958 को रतनगढ़ में जन्मे वीरेंद्र कुमार पाराशर जो आगे चलकर कवि श्याम पाराशर 'कम्प्यूटर' के नाम से अपने नाम के अनुरूप कंप्यूटर् की भांति कार्य कर अपने तेज दिमाग के बल पर नीमच मंदसौर जिले ही नहीं अपितु पूरे देश प्रदेश में अपनी कविताओं के माध्यम से ख्याति प्राप्त हुए व रतनगढ नगर को अखिल भारतीय स्तर पर एक अलग ही पहचान दिलाई।रतनगढ़ जैसे छोटे से कस्बे से सन् 2003 में कवि सम्मेलनो की शुरुआत करने के पश्चात इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा जीवन में कई प्रकार के उतार- चढ़ाव एवं आर्थिक विषमताए आने के पश्चात भी कवि सम्मेलन के प्रति इनकी ललक कभी कम नहीं हुई। श्री पाराशर के द्वारा लगभग 1000 से भी अधिक कवि सम्मेलन के मंचो पर मालवी भाषा में अपने काव्य पाठ के माध्यम से श्रोताओं के दिलों पर अपनी गहरी छाप छोड़ दी गई इनके द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मंचो के साथ ही चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई, जयपुर, इंदौर, उज्जैन, जोधपुर, जबलपुर, इलाहाबाद सहित देश के दूर दराज क्षेत्रों में भी अपने काव्य पाठ के द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर मालवी भाषा को लोकप्रिय किया गया। साथ ही रतनगढ़ में नगर परिषद के द्वारा आयोजित ख्याति प्राप्त चमत्कारिक भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के मेले मे अपने प्रयासो से वर्ष में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के आयोजन की शुरुआत करवाई जो आज भी अनवरत जारी है जिसमें देश प्रदेश के ख्याति प्राप्त कवियों एवं कवियित्रीयो को नाम मात्र के रुपयों पर रतनगढ़ में बुलाकर काव्य पाठ करवाकर रतनगढ़ का नाम दूरदराज क्षेत्रों तक प्रसिद्ध किया आज स्वर्गीय कवि श्याम पाराशर के कारण रतनगढ़ नगर को दूरदराज क्षेत्रों में भी साहित्यिक श्रोताओं के नगर के रूप में जाना जाने लगा है। 
कई जगह हुए सम्मानित- कवि श्री पाराशर को मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्वर्ण जयंती उत्सव में तत्कालिन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के द्वारा उज्जैन मे, राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर में अखिल भारतीय महामूर्ख कवि सम्मेलन में काव्य पाठ के दौरान एवं जिला कलेक्टर नीमच के द्वारा भी जिले की पांच प्रतिभाओं में शामिल श्री पाराशर का स्वागत सम्मान किया गया इसके साथ ही देश भर में काव्य पाठ के दौरान कई मंचों पर भी इनका स्वागत सम्मान हुआ । 
हर गतिविधि में रहे अग्रणी- रतनगढ़ नगर सहित आसपास के क्षेत्र के धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, गतिविधियों में बढ़-चढ़कर आगे रहकर इनके द्वारा कार्यक्रमों की शुरुआत करवाई गई रतनगढ़ में रामकथा, भागवत कथा, गणेशोत्सव, गरबा महोत्सव, राम लीला, शिवरात्रि पर्व, मोडिया महादेव की झांकिया, दशहरा उत्सव, मोहर्रम पर्व,  ईलाजी महाराज, मलखंब प्रतियोगिता, टेपा सम्मेलन सहित सभी प्रकार के आयोजनों में अग्रणी रहकर झाकियां बनाने सजावट करने सहित हर प्रकार का कार्य करते थे।श्री पाराशर द्वारा रावण ,मेघनाथ, कुंभकरण के शानदार पुतलों का भी निर्माण किया जाता था जिसकी दूरदराज क्षेत्रों तक काफी लोकप्रियता थी इन्हें अगर हम रतनगढ नगर के विश्वकर्मा की उपाधि से भी अलंकृत करें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि एसा कोई कार्य नही था जिसमे ये पूर्ण रुप से पारंगत नही थे इन्हें कवि सम्मेलन का इतना अधिक शौक था कि रतनगढ़ में आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन के सुत्रधार होने के बाद भी इनके द्वारा कवि सम्मेलन में अपने हिस्से का कभी रूपया नहीं लिया गया एवं कवि सम्मेलन व कविताओं के प्रति इनकी चाहत का ही ऐसा जुनून था कि बायपास सर्जरी कराकर सकुशल वापस लोटते समय इनका निधन भी दिनांक 8 नवंबर 2015 को विजय नगर के पास आयोजित एक कवि सम्मेलन के दौरान काव्य मंच पर ही हुआ ।  
इन कवियों के साथ किया काव्य पाठ- श्याम पाराशर के द्वारा रतनगढ मे आयोजित कवि सम्मेलनो मे बहुत कम या यू कहे की आधे पैसे पर केवल अपने व्यवहार के बल पर देश प्रदेश के ख्याति प्राप्त कवियों को काव्य पाठ के लिए बुलवाया गया जिसमें प्रमुख रुप से पंडित विश्वेश्वर शर्मा, वेदव्रत वाजपेयी, सत्यनारायण सत्तन, ओम व्यास ओम, जानी बैरागी, अब्दुल गफ्फार, अशोक नागर, बुद्धि प्रकाश दाधिच, अशोक चारण, नफीसा भारती, अन्ना देहलवी, डा.कीर्ति काले, अनामिका अम्बर,शांति तूफान प्रमुख हैं,साथ ही सुरेंद्र दुबे, कुमार विश्वास, शैलेश लोढ़ा, हरिओम पवार, सुरेश बैरागी, अशोक चक्रधर सहित कई ऐसे कवि एवं कवियित्रियां जो की देश विदेश में ख्याति प्राप्त है इनके साथ भी इन्होंने मंचो पर कई बार काव्य पाठ किया आज दिनांक 8 नवंबर 2019 को श्री श्याम जी पाराशर की चतुर्थ पुण्य तिथि के अवसर पर समस्त रतनगढ नगर वासियों की तरफ से भाव भीनी श्रद्धांजलि शत् शत् नमन आज भाई साहब स्वर्गीय श्री श्याम जी पाराशर हमारे बीच में नहीं है फिर भी ऐसी महान शख्सियत हम सभी लोगों के दिलों में सदैव जीवित रहेंगी।


"ना भुलाए भूलती है वे यादें,वे यादें तो  मन में रहती है,चेहरे पर खुशी रहती है, पर आंखें तो नम ही रहती है"


   "चले गए बीच राहों से,दिल से नहीं जा पाओगे, आंखों में आंसू है गम के,उम्र भर याद आओगे"
 


कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने किया जिला अस्पताल निरीक्षण नर्स को किया निलबिंत,एक आशा की सेवा की समाप्त

  पन्ना से राजेश रावत की रिपोर्ट पन्ना-कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने शनिवार को अचानक जिला अस्पताल का निरीक्षण किया।इस दौरान उन्हें अस्पताल के अंदर...